श्री चिदानन्द अष्टक (हिंदी)
श्री चिदानन्द अष्टक (हिंदी)
चरणरज से जिनके है पावन धरा यह
तपोबल से जिनके उजागर गगन यह
प्रभु राम जिनके निदिध्यास में हैं
चिदानंदजी आपको यह (सादर) नमन है।
माँ जैसे बोले शिशु की ही भाषा
कठिन ज्ञानको भी जो कर देते आसाँ
परमज्ञानी होकर भी करुणा भरे हैं
चिदानंदजी आपको यह (सादर) नमन है।
रहे विश्वकल्याण-चिंता हृदयमें
जो दीनदुखियों को लेते शरणमें
सेवावृत्ति परमपावन मुनि हैं
चिदानंदजी आपको यह (सादर) नमन है।
हरिनामसे ही ये रसना पुनीत है
शरणमें जो आये वो भवभयरहित है
सभी वंश-धर्मा को जो पूजते हैं
चिदानंदजी आपको यह (सादर) नमन है।
जो प्राणियोंको भी ममतासे देखे
जिनकी कृति में भी वेदांत झलके
बस ब्रह्म ही ब्रह्म ऑँखोंमे स्थित है
चिदानंदजी आपको यह (सादर) नमन है ।
ये योगपथ भी उजागर किये हैं
ये आंग्लभाषीय पातंजलि हैं
ये पंचप्राणोंको वश में किये हैं
चिदानंदजी आपको यह (सादर) नमन है ।
रहे याद सच्चा जो है रूप अपना
सोचो उसीमें है कल्याण अपना
भक्तों को संदेश जिनका यही है
चिदानंदजी आपको यह (सादर) नमन है ।
नमस्ते सदा भक्त वात्सल्यरूपा
नमस्ते परब्रह्म रूपा अरूपा
शिवानंद के हृदयकमल में जो स्थित हैं
चिदानंदजी आपको यह (सादर) नमन है ।
हमेशा स्तुतिस्तोत्र का गर पठन हो
जीवन में उसके गुरुकी कृपा हो
रहे ज्ञान और शांति उसके हृदयमें
यही प्रार्थना है प्रभु लो शरणमें ।
स्वामी चिदानंदार्पणमस्तु ।
रचना – सौ. राजलक्ष्मी देशपांडे